क्या धर्म इंसानों में इंसानियत पैदा करता है?

धर्म एक ऐसा ज़हर है कि अगर इसकी आदत पड़ जाती है तो ये आपके शरीर और आपके ज़मीर दोनों में सड़न पैदा करता है और मजे की बात ये है कि ये सड़न आपको रूहानी लगने लगती है।

साल 2015 की बात है। अफ़ग़ानिस्तान की रहने वाली 27 साल की एक लड़की फ़रखुंदा मलिकज़ादा जिसने इस्लामिक क़ानून की पढ़ाई की थी आगे चलकर जो जज बनने का सपना अपनी आंखों में सँजोए हुए थी एक दिन अपने काम से लौटकर घर जा रही थी। रास्ते में वो शाह ए दु शमशीरा मज़ार पर प्रार्थना के लिए रुकती है।

वहाँ एक व्यक्ति से उसकी बहस हो जाती है।

किस बात पर?

वो कागज़ के टुकड़ों पर क़ुरआन की आयतें लिखकर ताबीज़ बनाकर बेच रहा था। लड़की ने कहा ये गैर इस्लामी है। तभी मज़ार का केयरटेकर चिल्लाकर कहता है कि ये लड़की अमेरिकन है और इसने कुरान जलाई है।

उसके बाद भीड़ उसको जूते, चप्पल, लाठी ,लात, पत्थर जो भी मिलता है उससे मारती है। उस बेचारी का हिज़ाब एक तरफ़ गिर जाता है। फिर उसको एक गली में 200 मीटर घसीटा जाता है और कार से कुचला जाता है। भीड़ को उसकी हत्या कर सुकून मिलता है।

क्यों हत्या की गई?

कुरान जलाने के झूठे आरोप में ।

अगर सच में भी जला देती तो भी क्या एक किताब की कीमत इंसान की ज़िंदगी से ज़्यादा होती है?

ईश्वर/अल्लाह को ख़ुद पर शर्म आनी चाहिए और अगर उसे नहीं आती तो हमें उस पर आनी चाहिए।

ये सिर्फ इस्लाम की कहानी नहीं है। इतिहास में क्रिश्चियनिटी के ज़ुल्मों को देखिए वो क्या कम थे? हिन्दू धर्म द्वारा मान्यता प्राप्त जातिप्रथा जिसमें दलितों को थूकने के लिए गले में हांड़ी लटकानी पड़ती थी और कमर में झाड़ू बांधनी पड़ती थी वो क्या कम वहशी थी?

क्या धर्म यही सिखाता है?

आखिर में ये सब इस बात पर जाकर अटक जाता है कि वे सच्चे मुसलमान नहीं थे जिन्होंने मारा या फिर आज के कुछ हिन्दू हिन्दू धर्म को बदनाम कर रहे हैं या फिर वो फिर सच्चे ईसाई नहीं थे।

अगर लोगो का बहुत बड़ा हिस्सा धर्म से ये सब सीख रहा है तो फिर फिर इतनी ख़तरनाक चीज़ के पास जाना ही क्यों ?

धार्मिक किताबों में लिखे का असली अर्थ क्या है ये हमेशा विवाद का विषय रहा है । और फिर लोग धर्म को किताबों से कम बल्कि आसपास के समाज से ज़्यादा समझते हैं यानी वो भीड़ पर विश्वास करते हैं तो ये समस्या हमेशा रहेगी।

तमाम धर्मों में अज़ीब सी बीमारी है कि इनको डर बहुत लगता है कि हम खतरे में हैं लेकिन सच्चाई ये है कि इन्होंने इंसानों को खतरे में डाल रखा है।

इंसानियत को जितना नुकसान धर्म ने पहुंचाया है शायद किसी और चीज़ ने नहीं।

Leave a Comment

15 Best Heart Touching Quotes 5 best ever jokes