
Kese Kahe Ki Wo Humse Khafa Hai
Usne To Hamse Koi Gila Nahi Kia
Mujh Ko Ye Hosh Hi Na Tha,
Tu Mere Bajuo Main hai
Yani Tujhe Abhi Talak Meine Abhi Riha Nahi Kia.
केसे कहे की वो हमसे खफा है
उसे तो हमसे कोई गिला नहीं किया
मुझे को ये होश ही ना था,
तू मेरे बजाओ में है
मैं तुझे अभी तलाक में अभी रिहा नहीं किया।

Ek jo galti humse huyi,
Uski na do itne badi saja…
Bas ho sake toh itna bata do,
Yun kab tak rehna hai humse khafa…
एक जो गल्ती हमसे हुई,
उसकी ना दो इतने बड़ी साजा…
बस हो खातिर तो इतना बता दो,
यूं कब तक रहना है हमसे खफा…
Naraz Ko Manane Ki Shayari

Mutmayin Hum Bhi Zindagi Se Nahi,
Jee rahe hain Magar Khushi se Nahi,
Dukh bhi Diya har Shaks ne Hum Ko,
Aur Naraz bhi hum Kisi se Nahi.
मुतमायिन हम भी जिंदगी से नहीं,
जी रहे हैं मगर खुशी से नहीं,
दुख भी दिया हर शक्स ने हम को,
और नराज भी हम किसी से नहीं।
Naraz Shayari
Dil Se Teri Yad Ko Juda To Nahi Kiya
Rakha Jo Tujhe Yaad, Bura To Nahi Kiya
Hum Se Log Hain Naraz Kis Liye
Hum Ne Kabhi Kisi Ko Khafa To Nahi Kiya.
Naraz Dost Ko Manana Shayari
Hum Nibhayenge Dosti Marte Dum Tak
Hum Hasayenge Tumko Gham Se Khushi Tak
Aye Dost Kabhi Humse Naraz Na Hona
Saath Rehna Hamare Akhiri Dum Tak
Khud se Naraz Shayari
Meri Har Khata Para Naraz Na Hona
Apni Pyari Si Muskan Kabhi Na Khona
Sukoon Milta He Dekhkar Apki Muskurahat Ko
Mujhe Maut Bhi Aye To Bhi Mat Rona
Ruthna Manana Shayari
Udas Hai Dil Aur Ankho Me Nami Hai
Jaise Rutha Hai Asman Aur Khamosh Ye Zami Hai
Yad Na Karne Ki Koi To Waja Batao
Naraz Ho Ya Waqt Ki Kami Hai
Naraz shayari in english
Ab Mout Se Kah Do Hum Se
Narazgi Khatam Kar Le
Wo Badal Gya jiske Liye Hum Zinda The…
Naraz dost ko Manane Ki Shayari
Aisi kya galti ho gayi hum se
bas khafa he reh gaye ab mujhse
kitne baar maafi maangi aap se
ek baar he bas hass kar keh do maaf kiya dil se
Apno Se Narazgi
Apno se itni narazgi acchi nahi hoti
aur yaad rakho her
hasne wala dilse khush nahi hota
Sad Naraz Shayari

Ab to maan bhi ja chhod de rushwai
tera ye ruthna humse acha nahi lagta
tere bina kuch bhi sache nahi lagta.
अब तो मान भी जा छोड़ दे रुशवाई
तेरा ये रूठना हम से अच्छा नहीं लगता
तेरे बिना कुछ भी सच नहीं लगता।
Pyaar Main Narazgi
Pyar me narazagi toh jayez hai
lekin kuch pal ke liye
Nahi toh pyar karne wale
apne aasu chupayenge mohabbat ke liye
Naraz Mat Hona Shayari in Hindi
Koi nahi tha is zindagi me
fir aap se mulakat ho gayi
Jab tum ne hame choda
zindagi humse naraz ho gayi.
Naraz Shayari in Hindi
Galati mai ne kiya aur
naraz hum ho rahe ho
Saza mujhe milni chahiye
tum kyo apne aap ko de rahe ho
Naraz Mat Hua Karo Shayari
Meri baat kahi tera
dil ko na lagi ho
Chahe toh do thappad maar
mujhe lekin naraz mat hona.
Naraz Shayari For Girlfriend
Khafa Bhi Rehte Hain
Or Wafa Bhi Krte Hain
Is Tarha Apne Pyar Ko Bayan Bhi Krte Hain
Jane Kaisi Narazgi Hai Meri Unse
Naraz Shayari in English
Khona Bhi Chhte Hain
Aur Pane Ki Dua Bhi Karte Hain
Naraz Shayari Quotes | Khafa Shayari | Naraz Shayari | Naraz shayari in urdu
Naraz Shayari Quotes in Hindi

Dhoondh rahee hai vo mujhase khafa hone ka tareeka, Sochata hoon thappad maarakar usakee mushqil aasaan kar doon..!!
ढूंढ़ रही है वो मुझसे ख़फ़ा होने का तरीका,
सोचता हूँ थप्पड़ मारकर उसकी मुश्क़िल आसान कर दूँ..!!
Naraz Shayari Quotes
अंजाम तक पहुॅचने का आगाज़ हो गया
अच्छा हुअा कि मुझसे वो नाराज़ हो गया
Naraz Shayari Quotes in Hindi & English with Images
कैसे ना हो इश्क, उनकी सादगी पर ए-खुदा,
ख़फा हैं हमसे, मगर करीब बैठे हैं…
Naraz Shayari in Hindi & English
इस क़दर जले है तुम्हारी बेरुख़ी से,
के अब आग से भी सुकून सा मिलने लगा है ….!!!
Naraz Shayari with Images
हर बात खामोशी से मान लेना..
यह भी अंदाज़ होता है नाराज़गी का
Narazgi shayari 2 lines
यही हालात इब्तिदा से रहे
लोग हम से ख़फ़ा ख़फ़ा से रहे
Naraz Shayari for girlfriend
तेरी बेरुखी ने छीन ली है
शरारतें मेरी और लोग समझते हैं
कि मैं सुधर गया हूँ ..!!
Naraz Shayari for girlfriend
ज़ुलफें मत बांधा करो तुम,
हवाएें नाराज़ रहती हैं
Khafa Shayari 2 line
हुस्न यूँ इश्क़ से नाराज़ है अब
फूल ख़ुश्बू से ख़फ़ा हो जैसे..
khafa shayari

bahut berukhee se pesh aata hai dil khud se
ki ab pyaar bharee baaton kee aadat nahin rahee….!
सालभर….तेरी बेरूखी से कत्ल होते रहे हैं हम,
अब तो तहरीरें बन गई है…उदासियाँ गुजरे साल की।
कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा..
जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार भी करे…!!
बेरूख़ी शायरी हिंदी में
अब गिला क्या करना उनकी बेरुखी का…
दिल ही तो था…..भर गया होगा..!
इतना तो बता जाओ ख़फ़ा होने से पहले
वो क्या करें जो तुम से ख़फ़ा हो नहीं सकते
मुझे तो तुमसे नाराज
होना भी नहीँ आता…
न जाने तुम से कितनी
मोहब्बत कर बैठा हूँ मै.!!
बेरूख़ी शायरी हिंदी में
मुझ से बिगड़ गए तो रक़ीबों की बन गई
ग़ैरों में बट रहा है मिरा ए’तिबार आज.
ख़फ़ा शायरी
ख़फ़ा हैं फिर भी आ कर छेड़ जाते हैं तसव्वुर में
हमारे हाल पर कुछ मेहरबानी अब भी होती है.
Humse Khafa Shayari
हमारे दिल न देने पर ख़फ़ा हो
लुटाते हो तुम्हीं ख़ैरात कितनी
Khafa Shayari 2 line
या वो थे ख़फ़ा हम से या हम हैं ख़फ़ा उन से
कल उन का ज़माना था आज अपना ज़माना है
ख़फ़ा शायरी
लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से
तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से
Khafa Shayari 2 line

किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ..
Narazgi shayari 2 lines
“रिश्ता” दिल से होना चाहिए, शब्दों से नहीं,
“नाराजगी” शब्दों में होनी चाहिए दिल में नहीं!
Naraz ko manane ki shayari
मुझको हसरत कि हक़ीक़त में न देखा उसको
उसको नाराज़गी क्यूँ ख़्वाब में देखा था मुझे
सोचते है सीख ले हम भी बेरुखी करना,
प्यार निभाते-२ अपनी ही कदर खो दी हमने।
Narazgi Shayari for girlfriend
यहाँ सब खामोश है कोई आवाज़ नहीं करता….
सच बोलकर कोई किसी को नाराज़ नहीं करता….
उदास कयो होता है ऐ दिल उनकी बेरुखी पर……
वो तो बङे लोग है अपनी मर्जी से याद करते है…..!!!
सारा जहाँ चुपचाप है..
आहटें ना साज़ है……
क्यों हवा ठहरी हुई है…
आप क्या नाराज़ है…….!!!
जीना तो हमे भी बिंदास आता है..
लेकिन ज़िंदगी आजकल कुछ नाराज़ है हमसे…
बेरूख़ी शायरी हिंदी में
फेर कर मुंह आप मेरे सामने से क्या गये,
मेरे जितने क़हक़हे थे आंसुओं तक आ गये,
भला ऐसी भी सनम आख़िर बेरुख़ी है क्या ?
न देखोगे हमारी बेबसी क्या…….?
नाराज मत हुआ करो कुछ अच्छा नहीं लगता है,
तेरे हसीन चेहरे पर यह गुस्सा नहीं सजता है,
हो जाती है कभी कभी गलती माफ कर दिया करो,
चाहने वालों से बेदर्दी यह नुस्खा नहीं जंजता है.
तुझ से नहीं तेरे वक़्त से नाराज हूँ…
जो कभी तुझे मेरे लिए नहीं मिला…
मुझको छोङने की वजह तो बता देते..
मुझसे नाराज़ थे या..मुझ जैसे हज़ारों थे..
नाराज़गी भी मोहब्बत की बुनियाद होती हे,
मुलाक़ात से भी प्यारी किसी की याद होती हे…
ऐ ग़म-ए-ज़िंदगी न हो नाराज़,
मुझको आदत है मुस्कुराने की..
किसी से नाराजगी, इतने वक़्त तक न रखो के..
वो तुम्हारे बगैर ही, जीना सीख जाए…!

Kaheen naaraaj na ho jae uparavaala mujh se, Har subah uthate hee, Usse pahale tujhe jo yaad karata hoon.
कहीं नाराज न हो जाए उपरवाला मुझ से,
हर सुबह उठते ही,
उससे पहले तुझे जो याद करता हूँ.
कभी हमसे आँखे मिलाओ तो जाने
हमें दिल की धड़कन सुनाओ तो जाने
खफा हो तो हम को मनाये हमेशा
कभी तुम भी हम को मनाओ तो जाने
ये लाली उनके गालों की बयां करती है बिन बोले
झुकी आँखों से शायद फिर हुई गुस्ताखियाँ होंगी
हूँ ख़फ़ा मैं बेवजह ये सच है पर
इसलिए क्या वो मनाना छोड़ दे
पास-लफ्ज़ तन्वीर तो आपकी थी
ग़ज़ल क्या थी, तस्वीर तो आपकी थी
मेरी मिल्कियत में तो कुछ भी नहीं था
क़लम की ये जगीर तो आपकी थी
रागे-गुल में हरचन्द मेरा लहु था
गुइस्तियाँ में तौक़ीर तो आपकी थी
मुझे दूसरों से हो क्यों कोई शिकवा
के माथे की तहरीर तो आपकी थी
चिखेंगी बदमस्त हवाये, ऊँचे ऊँचे पेड़ों में
रूठ के जाने वाले पत्तों! कब तक वापिस आओगे
जादूगरनी है ये प्यारे, आवाजों पर ध्यान न दो
पीछे मुड़ कर देखा तो पत्थर के हो जाओगे
ख़फ़ा शायरी पर ख़ूबसूरत शेर
ऐ दोस्त तू मुझसे नाराज़ हैं या मोहब्बत से
पता हैं तेरी तो कोई गलती नहीं हैं
शायद अनजाने में गलती हुई होगी हमसे.
गलती हो गयी हम से माफ़ करना मुझे दिल से
लेकिन कभी मुझसे नाराज़ न होना गलती से
हमारी नाराज़गी में भी मोहब्बत हैं
लेकिन ऐसा क्यों लगता हैं मुझे
तू इतनी पास हो के भी दूर हैं
जब तुझ से जुदा हुआ था इतना दर्द न हुआ
जितना आज तेरी नाराज़ होने पर हुआ.