भारतीय कला में तान्त्रिक प्रवृत्ति | Tantric Trend in Indian Art
प्राचीन भारत में गुप्त रहस्यात्मक सिद्धि की क्रिया का नाम तन्त्र था। इसके तीन अंग थे : यन्त्र, मन्त्र और तन्त्र । किसी ताम्रफलक अथवा कपड़े, कागज, ताडपत्र आदि पर …
प्राचीन भारत में गुप्त रहस्यात्मक सिद्धि की क्रिया का नाम तन्त्र था। इसके तीन अंग थे : यन्त्र, मन्त्र और तन्त्र । किसी ताम्रफलक अथवा कपड़े, कागज, ताडपत्र आदि पर …
आरम्भिक काल 19वीं सदी के आरम्भिक काल में दाविद् के नेतृत्व में विकसित हुए नवशास्त्रीयतावाद का फ्रांस में बोलबाला था। दाविद् के आसपास एकत्र हुए उनके अनुयायियों व शिष्यों ने …
अठारहवीं सदी की चित्रकला राइनलैंड में वाइब्यूकेन के ड्यूक के लिए भवन-निर्माण का कार्य कर रहे फ्रेंच वास्तुकार ने 1765 में लिखा था कि प्राचीन काल में कला की दृष्टि …
तैयब मेहता (1926-) तैयब मेहता का जन्म 1926 में गुजरात में कपाडवंज नामक गाँव में हुआ था। कला की उच्च शिक्षा उन्होंने 1947 से 1952 तक सर जे० जे० स्कूल …
अजंता की गुफाएं 29 रॉक-कट बौद्ध गुफा स्मारकों की एक श्रृंखला हैं जो दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से लगभग 480 या 650 सीई तक की हैं। वे औरंगाबाद से लगभग …
1857 के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के समय भारत की परम्परागत राजस्थानी, मुगल तथा पहाड़ी शैलियों का हारा हो चुका था। ब्रिटिश कला पद्धति का भारत में आगमन आरम्भ हुआ …
बंगाल में पुनरुत्थान 19 वीं शती के अन्त में अंग्रजों ने भारतीय जनता को उसकी सास्कृतिक विरासत से विमुख करके अंग्रेजी सभ्यता सिखाने की चेष्टा की अंग्रेजों ने भारतीय कला …
लगभग 1905 से 1920 तक बंगाल शैली बड़े जोरों से पनपी देश भर में इसका प्रचार हुआ और इस कला-आन्दोलन को राष्ट्रीय कहा गया। 1920 के लगभग इस क्षेत्र में …
श्री असित कुमार हाल्दार में काव्य तथा चित्रकारी दोनों ललित कलाओं का सुन्दर संयोग मिलता है। श्री हाल्दार का जन्म 10 सितम्बर 1890 को द्वारिकानाथ टैगौर मार्ग कलकत्ता में हुआ …
पुनरुत्थान काल में भारतीय कला के प्रमुख प्रशंसक एवं लेखक डा० आनन्द कुमारस्वामी (1877-1947 ई०)- भारतीय कला के पुनरुद्धारक, विचारक, आलोचक तथा उसे विश्व के कला जगत् में उचित एवं …
16वीं सदी की यूरोपीय उच्च पुनर्जागरण कालीन कला के केन्द्र थे इटली के शहर लोम्बाद वेनिस व रोम। उसके प्रमुख कलाकार थे, आरम्भ में लिओनार्दो, रेफिल व माइकिलेन्जेलो व बाद …
महान् कलात्मक आन्दोलन जो पुनर्जागरण या पुनरुत्थान नाम से प्रसिद्ध है व जिसका इटली में पन्द्रहवीं सदी में आरम्भ हुआ था, के क्या कारण थे, इसका विश्लेषण करने के कई …
ईसाई चित्रकला के प्रारम्भिक चरण पहली शताब्दी के अन्त तक ईसाई धर्म का रोमन साम्राज्य में प्रचार हो चुका था व गिरजाघरों के अध्यक्षों के सामने प्रश्न उपस्थित हुआ कि …
जयपुर नरेश जयसिंह प्रथम की सभा के राजपुरोहित पंडित यशोधर ने ग्यारहवीं शताब्दी में ‘कामसूत्र’ की टीका ‘जयमंगला’ नाम से प्रस्तुत की। ‘कामसूत्र’ के प्रथम अधिकरण के तीसरे अध्याय की …
किसी भी देश की संस्कृति उसकी आध्यात्मिक, वैज्ञानिक तथा कलात्मक उपलब्धियों की प्रतीक होती है। यह संस्कृति उस सम्पूर्ण देश के मानसिक विकास को सूचित करती है। किसी देश का …
Orphism | Meaning | Definition | History Orphism can briefly be described as a tendency towards abstract or — as it was called at the time — pure’ painting which …
क्रमबद्धता चित्रकला के विकास का एक अपरिहार्य तत्त्व है व किसी भी शैली का, उसके क्रान्तिकारी होने के बावजूद, पूर्ण स्वतंत्र व अप्रभावित रूप से जन्म, विकास या ह्रास हुआ …