नाराज़गी पर दिल को छूने वाले 10 बेहतरीन शेर

1. हर बात खामोशी से मान लेना.. यह भी अंदाज़ होता है नाराज़गी का

2. नाराज़गी भी मोहब्बत की बुनियाद होती हे, मुलाक़ात से भी प्यारी किसी की याद होती हे…

3.  हूँ ख़फ़ा मैं बेवजह ये सच है पर इसलिए क्या वो मनाना छोड़ दे

4.  कहीं नाराज न हो जाए उपरवाला मुझ से, हर सुबह उठते ही, उससे पहले तुझे जो याद करता हूँ.

5. ऐ ग़म-ए-ज़िंदगी न हो नाराज़, मुझको आदत है मुस्कुराने की..

6. तुझ से नहीं तेरे वक़्त से नाराज हूँ… जो कभी तुझे मेरे लिए नहीं मिला…

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7.  लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से

8. ख़फ़ा हैं फिर भी आ कर छेड़ जाते हैं तसव्वुर में हमारे हाल पर कुछ मेहरबानी अब भी होती है.

9. कैसे ना हो इश्क, उनकी सादगी पर ए-खुदा, ख़फा हैं हमसे, मगर करीब बैठे हैं…

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10. अंजाम तक पहुॅचने का आगाज़ हो गया अच्छा हुआ कि मुझसे वो नाराज़ हो गया