1. जब भी दिल खोल के रोए होंगे लोग आराम से सोए होंगे.
2. सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं
3. डूबते डूबते कश्ती को उछाला दे दूँ मैं नहीं कोई तो साहिल पे उतर जाएगा
4. जुदाइयाँ तो मुक़द्दर हैं फिर भी जान-ए-सफ़र कुछ और दूर ज़रा साथ चल के देखते हैं
6. ज़िंदगी से यही गिला है मुझे तू बहुत देर से मिला है मुझे
8. कितना आसाँ था तिरे हिज्र में मरना जानाँ फिर भी इक उम्र लगी जान से जाते जाते
10. ये ख़्वाब है ख़ुशबू है कि झोंका है कि पल है ये धुँद है बादल है कि साया है कि तुम हो